नई दिल्ली. भारतीय पुलिस सेवा में संतोषजनक प्रदर्शन नहीं करने वाले एक हजार से ज्यादा अधिकारी गृह मंत्रालय की जांच के दायरे में हैं। एक अधिकारी ने बताया कि आईपीएस अधिकारियों के प्रदर्शन और उनके सेवा रिकॉर्ड की समीक्षा एक निरंतर प्रक्रिया है। जांच प्रक्रिया में अधिकारियों की संख्या और बढ़ सकती है। अधिकारी के मुताबिक 2014-15 के दौरान कोई समीक्षा नहीं की गई।गुरुवार को अधिकारी ने बताया कि पिछले तीन साल में करीब 2 हजार आईपीएस अधिकारियों के कार्यों की समीक्षा हुई। इनमें से 10 ऐसे हैं, जिन्हें लोकहित में सेवा खत्म होने से पहले ही रिटायरमेंट देने की सिफारिश की गई। सेवा रिकॉर्ड की समीक्षा अखिल भारतीय सेवा (मृत्यु-सह-सेवानिवृत्ति लाभ) नियम, 1958 के नियम 16 (3) के तहत की गई। इसमें 2016-18 के दौरान आईपीएस अधिकारियों के कार्यों की जांच की गई थी।नियम के मुताबिक, संबंधित राज्य सरकार के परामर्श से केंद्र सरकार किसी आईपीएस या आईएएस अधिकारी को लिखित तौर पर कम से कम तीन महीने पूर्व नोटिस या तीन महीने के वेतन-भत्ते देकर नोटिस जारी कर सेवानिवृत्त होने के लिए कह सकती है।गृह मंत्रालय के आंकड़े के अनुसार, देश में 3,972 आईपीएस अधिकारी कार्य कर रहे हैं जबकि 4,940 अधिकारियों की जरूरत है ।