नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) और उच्च न्यायालय इलाहाबाद के सख्त आदेश के बावजूद नोएडा के बाजारों में प्लास्टिक का प्रयोग रुक नहीं रहा है। जबकि नोएडा प्राधिकरण के जन स्वास्थ्य विभाग की ओर से प्रति माह तीन से चार लाख रुपये का जुर्माना व्यापारियों पर लगाया जा रहा। करीब तीन सौ किलो पॉलीथिन प्रतिमाह बाजारों से जब्त हो रहा है। इसके बावजूद बाजार में धड़ल्ले से प्लास्टिक का प्रयोग हो रहा है।
नोएडा प्राधिकरण के जन स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ प्रबंधक एससी मिश्रा ने सिटी मजिस्ट्रेट को पत्र भेजकर पॉलीथिन का प्रयोग बंद कराने का आग्रह किया है। पत्र में कहा कि बाजार में प्लास्टिक की खरीद करने वाले व्यापारियों की धरपकड़ हो और उन पर कानूनी कार्रवाई की जाए। बाजार में कहां से यह पॉलीथिन या प्लास्टिक का सामान आ रहा है। उस दुकानदार या व्यापारियों पर सीधे कार्रवाई की जाए।
उन्होंने कहा कि जिस प्रकार से जिलाधिकारी की ओर से शहर में अपराध की रोक थाम के लिए धारा 151 में जेल भेजने का प्रावधान लागू किया है। उसी प्रकार से अब बाजार में प्लास्टिक को बेचने वाले और उन्हें खरीदने वालों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की जाए। जिससे बाजार में इसका प्रयोग पूरी तरह से बंद किया जा सके।
वायु प्रदूषण बढ़ रहा : प्लास्टिक के प्रयोग से नोएडा में वायु प्रदूषण तेजी से बढ़ रहा है। सड़क पर प्रतिदिन कचरा में सैकड़ों टन प्लास्टिक निकल रहा है। इस कारण सड़क पर इधर-उधर प्लास्टिक में आग लगने की घटना भी हो रही है। इससे शहर की आबोहवा भी खराब हो रही है व शहर में तेजी से सांस के मरीजों की संख्या में इजाफा होता जा रहा है।
नाले व नाली हो रहे चोक :
प्लास्टिक की वजह से जगह-जगह नाले व नालियां चोक हो रहीं हैं। इससे नाले व नाली के पानी के बहाव पर भी असर पड़ रहा है। बार-बार सफाई के बावजूद भी नाले व नाली की सफाई का मकसद हल नहीं हो रहा है। जरा सी बारिश से शहर में जल भराव की समस्या भी उत्पन्न हो जाती है। सिटी मजिस्ट्रेट को पत्र लिखकर कानूनी कार्रवाई करने का आग्रह किया गया है। जिससे बाजार में प्लास्टिक के प्रयोग को पूर्ण रूप से बंद कराया जा सके।