सरफाबाद गांव की स्थापना अब से 350 वर्ष पहले हुई थी आज गांव में स्थापना के बाद से 13वीं पीढ़ी निवास कर रही है सरफाबाद गांव यादवों का गांव है गांव के लोगों का कहना है कि हमारे बड़े बूढ़े राजस्थान से आए थे 400 साल पहले जब यहां पर मुगलों का शासन था तब राजस्थान में हमारे पूर्वज मुगलों के आक्रमण से वहां के शासकों की रक्षा किया करते थे ये लोग लड़ाकू व साहसी प्रवृत्ति के थे इनके साहस व वीरता के चलते मुगुल इनसे हमेशा परेशान रहते थे जब भी मुगल वहां के राजाओं पर हमला करते थे तो सबसे पहले विरोध यही लोग करते थे मुगलों के साथ इनकी लड़ाई चलती रहती थी जब मुगलों को लगा कि इनके यहां रहते हुए हम लोग आसानी से यहां के राजाओं पर अपना आधिपत्य स्थापित नहीं कर सकते हैं तब उन्होंने इन लोगों को सबक सिखाने का फैसला किया जब इसकी सूचना इन्हें लगी तब इन्होंने भी मुगलों से सीधी लड़ाई ना कर के जैसी लड़ाई मुगल प्लान कर रहे थे वैसे ही लड़ाई लड़ने का फैसला किया अंततः इन्होंने राजस्थान छोड़ने का फैसला ले लिया और दिल्ली के आसपास आकर बसना शुरू कर दिया और यहां मुगलों के खिलाफ गुरिल्ला युद्ध शुरू कर दिया जिससे मुगल हर वक्त परेशान रहने लगे इसके बाद मुगलों की राजस्थान पर हमला करने की हिम्मत नहीं हुई इसी के बाद से ही मुगल शासन का पतन होना शुरू हो गया था और और इसके बाद राजस्थान से आए इन यादवो दों ने दिल्ली के आसपास अपनी बसावट को फैलाना शुरू कर दिया था क्रमशः.....
सरफाबाद की कहानी सरफाबाद की जुबानी पेज वन