जब सरफाबाद के यादवों के पूर्वज राजस्थान से दिल्ली पहुंचे तब दिल्ली के आसपास मुगलों के चाटुकारों का कब्जा था राजस्थान से आए इन यादवो को या तो जंगल काटकर कॉलोनी बसाकर रहना था या मुगलों के चाटुकारों से बसी बसाई कालोनियों को जीतकर रहना था तब इन यादवो ने दोनों ही विकल्पों को अपनाया दिल्ली के आसपास घने जंगल थे जिनमें अरावली पर्वत से निकलकर 7 नदियां बहती थी खूंखार जंगली जानवरों का बसेरा था इन जंगलों में होकर निकलना जान जोखिम में डालना था लेकिन इन साहसी यादवो ने इन सभी जोखिमो का डटकर मुकाबला किया और जंगलों और पहाड़ों को काटकर कॉलोनी की स्थापना करनी शुरू की सबसे पहले गोकुल नाम से एक शहर की स्थापना हुई दिल्ली में आज का गोकुलपुर ही अतीत का गोकुल है दिल्ली के आसपास मुगलों के चाटुकारो ने यहां के स्थानीय बाशिंदों का जीवन दूभर कर रखा था यदि यहां का कोई भी बाशिंदा थोड़ा समृद्धि की ओर अग्रसर होता तो मुगलों के ये चाटुकार उसकी समृद्ध के रास्ते में तमाम अड़चनें खड़ा कर देते थे खूबसूरत महिलाओं का जीना दूभर किये रहते थे तब राजस्थान से आए इन यादवो ने होशियारपुर व सोरखा जाहिदाबाद जो कि मुस्लिम नवाबों के गांव थे इन गांवों के नवाबों के साथ युद्ध किया और युद्ध में इन नवाबों और इनकी सेनाओं को खत्म करके इन गांवों को जीता और यहां पर रहना शुरू किया क्रमशः.........
सरफाबाद की कहानी सरफाबाद की जवानी पेज दो