शरद हेमंत व शिशिर ऋतु 14 सितंबर से 13 मार्च तक कुंवार(अश्विनी), कार्तिक, अघन, पौष,माह, फाल्गुन तक रहता है इस ऋतु में पित्त कुपित व जठराग्नि प्रदीप्त होता है इस ऋतु में गाजर
मूली
गोभी
शलगम
चुकंदर
पालक
बथुआ
मेथी
आंवला
शकरकंदी
ताजा गुड,
अमरूद
खजूर
गन्ना तथा दैनिक व्यायाम, तेल मालिश ,अत्यंत लाभप्रद है व गर्म कपड़ों से शरीर ढक कर रखें सोने से पहले दूध में मुनक्का डालकर ले
इस ऋतु में रूखे सूखे, हल्के बहुत ज्यादा ठंडी प्रकृति के बासे, खट्टे ,कटु,व तिक्त रस वाले और वात कुपित करने वाले पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए। बाजार का और कटा हुआ दही ने खाएं, रात में दही नए खाएं। खट्टे पदार्थों में इमली, अमचूर , खट्टे फल, खट्टा आम और आम का अचार आदि का सेवन ना करें
अपथ्य विहार- देर रात तक जागना सुबह देर तक सोए रहना ,आलसी दिनचर्या दिन में सोना आदि हानिकारक है